Sunday, October 14, 2007

जिंदगी में कोई जूनून नही

रात की गहराई में भी सुकून नहीं
जिंदगी में कोई जूनून नही

कमीं है एक नशे की
इंतज़ार है एक खूबसूरत हादसे की

रास्ते तो हैं कई
पर कोई मंजील नहीं

यूं तो गुज़र रही है जिंदगी
पर गुज़रना ही तो जिंदगी नही

विशाल सागर में
तलाश है साहील की

भगवान तो हैं कई
कमीं है यकीन की

भीड तो हैं बहुत
खोज है शानदार मह्फील की

बेसुरी होती है वो जिंदगी
जिस जिंदगी में धून नहीं

रात की गहराई में भी सुकून नहीं
जिंदगी में कोई जूनून नही

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